Ruchira Maniyar

इन्दौर के प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं समाजसेवी मुछाल परिवार में रूचिराजी का जन्म हुआ। धर्ममय वातावरण में जन्म लेने के कारण उनके मन में धार्मिक संस्कार बाल्यकाल से ही विद्यमान रहे। वर्तमान में वे स्वतन्त्र चित्रकार हैं और उन्होंने इस पुस्तक की लेखिका अपनी माता के साथ इस ग्रन्थ में रेखांकन किया है। रूचिराजी की शिक्षा वाणिज्य स्नातक तथा शास्त्रीय संगीत की है। आपका विवाह पूना के प्रतिष्ठित श्री विठ्ठलदासजी मणियार के पुत्र श्री विनयजी मणियार से हुआ है। आपका एक सुपुत्र भी है। रूचिराजी मानती है कि उनकी माता जी ही उनकी प्रेरणा है और जब उषाजी इस ग्रन्थ का लेखन कर रही थीं तब शुरुआत में उन्होंने केवल आनन्द के लिए कुछ रेखांकन किये थे, जो बाद में प्रभुकृपा से सम्पूर्ण पुस्तक में परिवर्तित हो गये। उनके संस्कारों में निहित अध्यात्म उनकी माता के लेखन के कारण रेखांकन के रूप में काग़ज़ पर उतर आया। वे इस सम्पूर्ण कार्य का श्रेय प्रभु की इच्छा और अपनी माता के आशीर्वाद को देती हैं।

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