Shyamsundar daas

श्यामसुन्दर दास - हिन्दी साहित्य में श्यामसुन्दर दास जी की ख्याति एक अनन्य लेखक, गम्भीर विचारक एवं विवेकशील सम्पादक के रूप में है। इनका जन्म सन् 1875 में उत्तर प्रदेश के काशी में हुआ। अपने समस्त जीवन काल में इन्होंने कई जगहों पर कार्य किया, जिनमें सबसे उल्लेखनीय है इनका काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पर पदस्थापित होना जहाँ से इन्होंने निवृत्ति ली। अपने जीवन का अधिकांश वक़्त इन्होंने हिन्दी की सेवा में दिया। इन्होंने कई कोश, काव्यशास्त्रीय, इतिहास, भाषा-विज्ञान, शोधकार्य और सम्पादित ग्रन्थ आदि से हिन्दी साहित्य में बाहुल्यता प्रदान करने का कार्य किया है। इनके बौद्धिक चिन्तन एवं रचनात्मकता का एक उत्तम उदाहरण है—इनके द्वारा सम्पादित पुस्तक 'कबीर ग्रंथावाली'। इस ग्रंथ में इन्होंने कबीर के मानवीय दृष्टिकोण को, विरोध के हर स्वर को, उनके जीवन सम्बन्धी मूल्यों को एवं उनके प्रासंगिक विचारों को मानो एक धागे में पिरोकर अद्वितीय कार्य किया है।

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