Ramdhari Singh Diwakar
रामधारी सिंह दिवाकर
जन्म : 1 जनवरी 1945 को अररिया जिले ( बिहार ) के नरपतगंज गाँव में ।
शिक्षा : एम.ए., पीएच. डी. (हिन्दी) । मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा (बिहार) में प्रोफ़ेसर एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष पद से 2005 में अवकाश ग्रहण । अरसे तक बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना के निदेशक रहे।
प्रथम उल्लेखनीय कहानी नयी कहानियाँ के जून 1971 के अंक में छपी, तब से अनवरत लेखन । हिन्दी की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक कहानियाँ, उपन्यास आदि प्रकाशित ।
प्रकाशित कृतियाँ : नये गाँव में, अलग-अलग अपरिचय, बीच से टूटा हुआ, नया घर चढ़े, सरहद के पार, धरातल, माटी-पानी, मखान पोखर, वर्णाश्रम तथा झूठी कहानी का सच (कहानी-संग्रह); क्या घर क्या परदेस, काली सुबह का सूरज, पंचमी तत्पुरुष, आग-पानी आकाश, टूटते दायरे, अकाल संध्या, दाख़िल ख़ारिज (उपन्यास); मरगंगा में दूब ( आलोचना ) । इनके अतिरिक्त शोध, आलोचना आदि । कई कहानियाँ विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित। शोकपर्व और मखान पोखर पर फ़िल्म-निर्माण ।
सम्मान : 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य' आदि कई सम्मान से सम्मानित ।