Sachidanand Rautrai
डॉ. सच्चिदानन्द राउतराय
आधुनिक ओड़िया कविता के भगीरथ के रूप में प्रख्यात। कथा-शिल्पी, नाट्यकार एवं साहित्य-मनीषी की हैसियत से भी भारतीय साहित्यकारों में अग्रगण्य। जन्म: 1916, खुर्धा, उड़ीसा में। स्वाधीनता संग्राम सहित अनेक आन्दोलनों में भाग लेने के कारण कई बार जेल-यात्रा। बारह वर्ष की आयु से लेखन में प्रवृत्त। प्रथम काव्य-संकलन 'पाथेय' 1932 में प्रकाशित। कुल मिलाकर 18 काव्य-संकलन, 4 कहानी-संग्रह, 2 उपन्यास, 1 काव्य-नाटक, साहित्य-समीक्षा की 3 पुस्तकें तथा साहित्यिक मूल्यों पर महत्त्वपूर्ण अनुसन्धान कार्य। 1986 के ज्ञानपीठ पुरस्कार के अतिरिक्त साहित्य अकादेमी पुरस्कार, सोवियत लैण्ड नेहरू पुरस्कार, आन्ध्र विश्वविद्यालय एवं ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि एवं पद्मश्री से अलंकृत। विभिन्न देशों में आयोजित साहित्य-संगोष्ठियों का प्रतिनिधित्व। ओड़िया कला परिषद् की संस्थापना।