Rajendra Chandrakant Rai
राजेन्द्र चन्द्रकान्त राय -
जन्म: 15 नवम्बर 1953।
शिक्षा: एम.ए., बी.एड. तथा नेट की डिग्रियाँ।
अध्यापन और राजीव गाँधी वाटरशेड मिशन में प्रशासन के परियोजना अधिकारी से सेवानिवृत्त।
प्रकाशन: धर्मयुग, सारिका, पहल, तद्भव, नया ज्ञानोदय, हंस, नवनीत, कादम्बिनी सहित सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कहानियाँ प्रकाशित।
उपन्यास: कामकन्दला, फ़िरंगी ठग, खलपात्र ।
कहानी संग्रह: बेगम बिन बादशाह, ग़ुलामों का गणतन्त्र।
बच्चों के नुक्कड़ नाटक: दिन फेरे घूरे के, बिन बुलाये मेहमान, क्योंकि मनुष्य एक विवेकवान प्राणी है, आओ पकड़ें टोंटी चोर; तरला-तरला तितली आयी, काले मेघा पानी दे, आओ चलो करें वन का प्रबन्धन ।
इतिहास ग्रन्थ : इतिहास के झरोखे से, कल्चुरि राजवंश का इतिहास।
पर्यावरण: पेड़ों ने पहने कपड़े हरे, पर्या गीत, ग़ैर सरकारी संगठन: स्थापना, प्रबन्धन और परियोजनाएँ।
अनुवाद : स्लीमेन के संस्मरण, स्लीमेन की अवध डायरी, ठगों की कूटभाषा रामासी।
सम्पादन: अंकुर (बच्चों की पत्रिका), पर्यावरण विषयों की पत्रिका: ख़बर परिक्रमा।
आकाशवाणी तथा दूरदर्शन: रेडियो पत्रिका 'ताकि बची रहे हरियाली' के प्रस्तुतकर्ता। धारावाहिक 'लुटेरे' एपिक चैनल पर, ठगों के इतिहास पर प्रसारण।