Gopi Chand Narang
गोपी चन्द नारंग
गोपी चन्द नारंग का शुमार उपमहाद्वीप के शीर्षस्थ उर्दू विद्वान एवं आलोचक के रूप में होता है। आपका जन्म 11 फ़रवरी 1931 को दुक्की, बलूचिस्तान (मौजूदा पाकिस्तान) में तथा 15 जून 2022 को अमेरिका के शहर शार्लेट में देहान्त हुआ। आपने ज़िन्दगी भर उर्दू भाषा की सेवा की। 1954 में उर्दू में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर तथा 1958 में डॉक्टरल शोध-कार्य पूरा किया। 1957 में सेंट स्टीफेंस कॉलेज में उर्दू साहित्य पढ़ाना शुरू किया और कुछ समय के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में आ गये जहाँ 1961 में रीडर के पद पर उन्नति हुई। आपने विस्कॉनसिन यूनिवर्सिटी, मिनेसोटा यूनिवर्सिटी, मिनिएपोलिस और ओस्लो यूनिवर्सिटी, नॉर्वे में बतौर विज़िटिंग प्रोफ़ेसर अध्यापन-कार्य किया। प्रो. नारंग ने 1974 में प्रोफ़ेसर और विभागाध्यक्ष के पद पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नयी दिल्ली में पदभार ग्रहण किया और बारह वर्षों तक कार्य करने के पश्चात् 1986 में दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हुए और 1995 तक कार्यरत रहे। अपरिमित विद्वत्ता को ध्यान में रखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2005 में और जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नयी दिल्ली ने 2012 में 'प्रोफ़ेसर एमेरिटस' से अलंकृत किया ।
अध्यापन के अलावा प्रो. नारंग ने अनेक संस्थानों में दुर्लभ उत्साह और समर्पण के साथ शीर्ष भूमिकाएँ भी निभायीं जिनमें साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष फिर अध्यक्ष, दिल्ली उर्दू एकेडमी के उपाध्यक्ष, नेशनल काउंसिल फ़ॉर प्रोमोशन ऑफ़ उर्दू लैंग्वेज के उपाध्यक्ष शामिल हैं।
प्रकाशित कृतियाँ : आपकी अंग्रेज़ी में 16 पुस्तकें, हिन्दी में 12 तथा उर्दू में लगभग 40 पुस्तकें प्रकाशित हैं। इसके अतिरिक्त इन पर एम. फ़िल. एवं पीएच.डी. के कई शोध-कार्य तथा बेशुमार पत्रिकाओं के विशेषांक छप चुके हैं। आपकी कई पुस्तकों का हिन्दी, अंग्रेज़ी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
सम्मान एवं पुरस्कार : 'पद्म भूषण', 'पद्मश्री, 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार', 'ग़ालिब अवार्ड', 'इक़बाल सम्मान', 'बहादुर शाह ज़फ़र अवार्ड', 'सितारा-ए-इम्तियाज़' (पाकिस्तान), 'मेजिनी स्वर्ण पदक' (इटली), 'अमीर खुसरो पुरस्कार' (शिकागो), 'आलमी फ़रोग-ए-उर्दू अदब अवार्ड' (दोहा-क़तर) इत्यादि ।