Vijay Bhandari
विजय भंडारी
मेवाड़ के ख्यात भंडारी परिवार में 14 जून, 1931 को कपासन कस्बे में जन्मे और ग्राम्य जीवन तथा सामंती परिवेश में पले-पोसे भंडारी की गणना आज राजस्थान के शीर्ष पत्रकारों में हैं। अपने अग्रज श्री भगवत भंडारी की प्रेरणा से मात्र चौदह वर्ष की अल्पायु में आप देश / प्रदेश में चल रहे स्वतंत्रता आन्दोलन की गतिविधियों से जुड़े और स्वतंत्रता के बाद राज्य के छात्र आन्दोलनों का नेतृत्व किया। इसी दौर में गांव और गरीब के दर्द से रूबरू हुए जिसे वाणी देने के लिए पत्रकारिता को माध्यम के रूप में अपनाया। प्रारंभिक वर्षों में राजस्थान के साहित्य पुरोधा स्वर्गीय जनार्दन राय नागर द्वारा संस्थापित 'राजस्थान विद्यापीठ, उदयपुर' के प्रकल्प 'जनपद' और साप्ताहिक 'कोलाहल' के माध्यम से अपने नगर, प्रदेश, देश और विदेश के महत्वपूर्ण दैनिक समाचारों का संकलन और प्रचार-प्रसार से इस अनुष्ठान का श्रीगणेश किया।