उदय प्रताप सिंह
पुस्तकें : आपा साहब और उनकी कृतियाँ, निर्गुण भक्ति और आपापन्थ, अनुचिन्तन एवं अनुसन्धान, पूरब रंग की साधु कविता, मार्क्सवादी हिन्दी समीक्षा का अन्तर्द्वन्द्व, आलोचना की अपनी परम्परा, सन्तों के सन्त कवि रामानन्द, भारत की सामाजिक व्यवस्था में सन्त कवियों का योग, स्वामी रामानन्द (साहित्य अकादेमी, दिल्ली), अलह राम छूट्या भ्रम मोरा, मैं कहता आँखिन की देखी, आलोचना की अपनी परम्परा (भाग-2), सन्तों के संवाद-रा.पु. न्यास, दिल्ली, हिन्दी के हस्ताक्षर ।
सम्पादित पुस्तकें : रामभक्ति साहित्य : अन्वेषक और राही, रामानन्द रामरस माते, भारतेन्दु फिर, तीर्थराज प्रयाग और कुम्भ महापर्व, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य (रामावत) : विविध आयाम, हरिद्वार समग्र, तीर्थराज प्रयाग और राम भक्ति का अमृत कलश, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य : सप्त शताब्दी महोत्सव खण्ड, अभिनव रामानन्द : स्वामी रामनरेशाचार्य, नाथपन्थ और गोरखबानी ।
समीक्षक, निबन्धकार, संस्कृतकर्मी एवं भक्तिसाहित्य के विद्वान के रूप में उदय प्रताप सिंह की एक अलग पहचान है। गोरखनाथ, स्वामी रामानन्द और उनके बारह शिष्यों-कबीर, रैदास, धन्ना, पीपा, सेन इत्यादि के साहित्य में सामाजिक समरसता पर आपकी मान्यताएँ नवीन सन्दभों का उद्घाटन करती हैं।
पुरस्कार व सम्मान : अ.भा.सा. परिषद् द्वारा सम्मानित, अ.भा. विद्वत् परिषद् द्वारा 'यास्क पुरस्कार', साहित्य मण्डल श्रीनाथ द्वारा 'भाषा भूषण' सम्मान, 'जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पुरस्कार' (एक लाख रुपये) वाराणसी, 'गुलाब राय सर्जना' पुरस्कार (उत्तर प्रदेश सरकार), 'माखनलाल चतुर्वेदी' अ.भा. निबन्ध पुरस्कार (मध्य प्रदेश सरकार), 'नज़ीर अकबराबादी' पुरस्कार (उत्तर प्रदेश सरकार), 'श्रीशुकदेव शास्त्री अखिल भारतीय हिन्दी निबन्ध' पुरस्कार, राजस्थान, जयपुर, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी पुरस्कार 2018 ई.।
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