Rameshchandra Shah

रमेशचंद्र शाह का जन्म (1937) अल्मोड़ा (उत्तरांचल) में हुआ। आरंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में ही हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.एस-सी. तथा आगरा से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए. • किया। पीएच डी. भी। सन् 1997 में भोपाल के हमीदिया महाविद्यालय से अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भोपाल स्थित 'निराला सृजनपीठ' के निदेशक रहे (दिसंबर, सन् 2000 तक)। उपन्यास 'पूर्वापर' को भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता ने, 'गोबरगणेश' तथा काव्यकृति 'नदी भागती आई' को मध्यप्रदेश साहित्य परिषद् ने, आलोचना-पुस्तक 'छायावाद की प्रासंगिकता' को मध्यप्रदेश साहित्य परिषद् ने पुरस्कृत किया। उपन्यास 'क़िस्सा गुलाम' नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आठ भारतीय भाषाओं में अनूदित निबंध संग्रह 'स्वधर्म और कालगति' को मध्यप्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार प्रदान किया गया था। श्री शाह को सन् 1987-88 में मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा 'शिखर सम्मान' से सन् 2001 में के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा 'व्यास सम्मान' से तथा अभी हाल सन् 2004 में भारत सरकार द्वारा 'पद्मश्री' से अलंकृत किया जा चुका है।

प्रकाशित कृतित्व : 'रचना के बदले', 'शैतान के बहाने', 'आडू का पेड़', ‘पढ़ते-पढ़ते', 'स्वधर्म और कालगति' (निबन्ध- संग्रह), 'कछुए की पीठ पर', 'हरिश्चंद्र आओ', 'नदी भागती आई', 'प्यारे मुचकुंद को', 'देखते हैं शब्द भी अपना समय' । चुनी हुई कविताओं का संकलन 'चाक पर' वाग्देवी प्रकाशन पॉकेट बुक संस्करण में उपलभ्य तीन बाल कविता-संग्रह तथा दो बाल नाटक भी (कविता-संग्रह), 'गोबरगणेश', ‘क़िस्सा गुलाम', ‘पूर्वापर', 'आखिरी दिन', 'पुनर्वास' तथा 'आप कहीं नहीं रहते विभूतिबाबू' (उपन्यास), 'जंगल में आग', 'मानपत्र', 'थिएटर', 'प्रतिनिधि कहानियाँ' (राजकमल पेपरबैक) (कहानी-संग्रह), एक लंबी छाँह (यात्रा संस्मरण), 'छायावाद की प्रासंगिकता', 'समानान्तर', 'वागर्थ', 'भूलने के विरुद्ध', 'अज्ञेय वागर्थ का वैभव', 'आलोचना का पक्ष' तथा दो साहित्य अकादेमी मोनोग्राफ जयशंकर प्रसाद तथा अज्ञेय पर (समालोचना) 'मेरे साक्षात्कार' (साक्षात्कार), काव्यानुवादों की चार पुस्तिकाएँ 'तनाव' पुस्तकमाला के अंतर्गत प्रकाशित 'राशोमन' नाटक का अनुवाद 'मटियाबुर्ज' नाम से (अनुवाद)।

संपादन : प्रसाद रचना-संचयन तथा अज्ञेय काव्य-स्तबक (साहित्य अकादेमी), निराला- संचयन (महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के लिए)।

पता: एम-4, निराला नगर, भदभदा रोड, भोपाल (म.प्र.) ।

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