Jaya Mitra
जन्म : 21 सितंबर, 1950, धनबाद, बिहार।
बनारस स्थित पैतृक घर के साथ-साथ कलकत्ता और कुर्सियांग आदि कई स्थानों पर पली-बढ़ीं। अंग्रेजी साहित्य में आनर्स के साथ स्नातक । सामाजिक बदलाव के लिए सशस्त्र वामपंथी आंदोलन के साथ जुड़ीं और चार वर्ष तक बिना किसी स्पष्ट आरोप के जेल में बिताए ।
विवाहित। दो संतानें ।
इस समय नारीवादी लेखन के तौर पर पर्यावरण और मानवाधिकार आंदोलनों से संलग्न ।
काली गंडक नदी पर एक उच्च बाँध बनाने के विरोध-प्रदर्शन के लिए नेपाल जानेवाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में सम्मिलित ।
रचनाएँ : तीन उपन्यास, दो कहानी-संग्रह व चार काव्य-संग्रह। अनेक कहानियों का हिंदी में अनुवाद और समकालीन भारतीय साहित्य व अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशन। लघु उपन्यास 'तिमिर कथा' का सबरंग (जनसत्ता) में धारावाहिक प्रकाशन ।
अनुवाद कार्य : भारतीय भाषाओं की अनेक रचनाओं का बंगाली में अनुवाद, यथा, अमृता प्रीतम की कहानियाँ, भीष्म साहनी की कहानियाँ, सआदत हसन मंटो की कहानियाँ, अजीत कौर की आत्मकथा, कृश्न चंदर की आत्मकथा, विजयदान देथा की राजस्थानी लोककथाएँ।