Balwant Gargi

बलवन्त गार्गी

जन्म : 4 दिसम्बर, 1916

बलवन्त गार्गी पंजाबी के एक आला दर्जे के नाटककार, निर्देशक, कथाकार और शिक्षाविद् रहे। आपके नाटक विश्व भर में खेले जा चुके हैं। आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं : लोहाकुट्ट, केसरो, कनक दी बाली, सोहनी महिवाल, सुलतान रज़िया, सोंकण, धूनी दी अग्ग तथा मिर्ज़ा साहिबा (नाटक): मिचर्चा वाला साध, पत्तन दी वरही और कौसरी डी.सी. (कहानी-संग्रह)।

आप एक ऐसे विरल पंजाबी लेखक हैं जिन्हें 1962 में 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार' और 1998 में 'संगीत नाटक अकादेमी पुरस्कार' प्राप्त हुए। 1972 में 'पद्मश्री' से नवाज़ा गया। देश-विदेश में आपने थियेटर की शिक्षा दी और पंजाबी विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ में थियेटर विभाग की स्थापना की। पंजाबी थियेटर में आप आज भी एक स्तम्भ के रूप में याद किये जाते हैं। मिर्ज़ा साहिबा आपका एक बहुचर्चित और वहुप्रशंसित नाटक है ।

निधन : 22 अप्रैल, 2003

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter