Premshankar

प्रेमशंकर

अवध के नैमिषारण्य क्षेत्र (गाँव सहसापुर, ज़िला सीतापुर) में 2 फ़रवरी 1930 में जन्म । संस्कारी माता-पिता । आत्मनिर्भर जीवन । माध्यमिक शिक्षा के अनन्तर गुरुवर ठा. जयदेव सिंह का संरक्षण । उच्चतर शिक्षा काशी विश्वविद्यालय में, जहाँ शिक्षा-साहित्य के संस्कार बने, जिन्हें लखनऊ में 'युगचेतना' का सम्पादन करते हुए, फिर सागर के अध्यापक-जीवन में विकास मिला । आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी के निर्देशन में शोधकार्य : प्रसाद का काव्य । आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की प्ररेणा से भक्तिकाव्य का अध्ययन ।

बौद्धिक सक्रियता के रूप में पत्र-पत्रिकाओं में लेखन और अपने समय की रचनाशीलता के साथ चल सकने का प्रयत्न । लेखन की कई दिशाएँ : सांस्कृतिक अध्ययन, भक्तिकाव्य, आधुनिक साहित्य से लेकर समकालीन सर्जन तक । भारतीय संस्कृति-साहित्य के आचार्य रूप में योरप के विश्वविद्यालयों में अध्यापन। कई मान-सम्मान और पुरस्कार ।

प्रकाशन :

प्रसाद का काव्य/कामायनी का रचना-संसार/हिन्दी स्वच्छन्दतावादी काव्य/भक्ति चिन्तन की भूमिका/भक्तिकाव्य की भूमिका/रामकाव्य और तुलसी/कृष्णकाव्य और सूर/भक्तिकाव्य की सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना/भक्तिकाव्य का समाजशास्त्र/भक्तिकाव्य का समाजदर्शन/आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी/सियारामशरण गुप्त/सृजन और समीक्षा/नयी कविता की भूमिका। रचना और राजनीति, पहाड़ी पर बच्चा (कविता-संकलन) । इस समय समकालीन कविता पर काम।

पता : द्वारा डॉ. श्रीमती शोभाशंकर, ब-16, विश्वविद्यालय परिसर, सागर-470003

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