Virendranath Mandal
वीरेंद्रनाव मंडल
जन्म : 22 जुलाई, 1931 ई.। मृत्यु : 26 जनवरी, 2015 ई. ।
प्रकाशित पुस्तकें : नवीन भार्गव सचित्र हिंदी प्रारंभिक शब्दकोश, मुहावरे और कहावतें, सरल नैतिक शिक्षा (5 भागों में), ज्वालामुखी (विज्ञान-कथा), वोलतेयर (जीवनी), बंगला शिक्षा, बंगला पहली पुस्तक, शेक्सपीयर की कहानियाँ (नाटकों के कथासार), प्रेमचंदेर लेखा छोटोदेर गल्प (प्रेमचंद की अप्रकाशित बालकथाओं का बंगला अनुवाद)। हिंदी अनुवाद : जुग जुग जियो (समरेश वसु) (4 खण्डों में), श्रीमती काफे (समरेश वसु), खरीदी कौड़ियों के मोल (विमल मित्र) (2 खण्डों में), कन्यापक्ष (विमल मित्र), पति-पत्नी संवाद (विमल मित्र), विषय नर नारी (विमल मित्र), शुभ संयोग (विमल मित्र), आनंदमठ (बकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय), देवी चौधुरानी (बकिमचंद्र चट्टोपाध्याय), वित्तवासना (शंकर), प्रियवर (निमाई भट्टाचार्य), तुम मेरे हो (कमला दास), दीपमाला के देश में (वंदना गुप्त), भ्रातिविलास (ईश्वरचंद्र विद्यासागर), ज्वालामुखी (गजेंद्र कुमार मित्र), नदी और नगरी (नीहाररंजन गुप्त), वेलाभूमि ( नीहाररंजन गुप्त), कलकनी कंकावती (नीहाररंजन गुप्त), नूपुर ( नीहाररंजन गुप्त), मायामृग ( नीहाररंजन गुप्त), बुद्ध गया (भिक्षु शीलाचार), जंगली हंसों की पांति (हान्स क्रिष्टियन एंडर्सन), डॉन क्विकजोर की विचित्र कथा (भिग्वेल डी कार्विटिस), रूडिन (सेर्जेयविच दुर्गनेव) ।
फुटकर रचनाएं: हिंदी और बंगला के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानी, कविता और लेख आदि प्रकाशित।
संपादन : विश्वज्योति (बंगला मासिक) का संपादन, मराल ( हिंदी मासिक) का सहायक संपादक (संपादक - पद्मश्री रामचंद्र वर्मा), नवलिका (हिंदी मासिक) के संपादन में सहयोग (संपादक - नागार्जुन), उर्दू साहित्य (हिंदी मासिक) के संपादन में सहयोग (संपादक -बलवंत सिंह) ।
लेखन कार्य : हिंदी शब्दान्वेषी कोश (हिंदी विसारस-1992 से मृत्युपर्यंत)।
नियमित सेवा : पत्रकार के रूप में विभिन्न पदों पर हिंदी दैनिक 'अमृत प्रभात' में 14 वर्ष और अंग्रेजी दैनिक 'नार्दर्न इंडिया पत्रिका' में 16 वर्ष।
सम्मान : 'देश' पुरस्कार (1982 ई.) निखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रदत्त। ‘नागरिक अभिनंदन' (1983 ई.) एन.यू.जे. द्वारा प्रदत्त ।
अध्येतावृत्ति : वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग (1996 ई. एवं 1997 ई.)।