Ajeet Pratap Singh

अजीत प्रताप सिंह

यूँ तो अजीत कम्प्यूटर के छात्र रहे हैं, परन्तु उनकी रुचि साहित्य में, खासकर उपन्यास में और उसमें भी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के उपन्यासों में रही है। मास्टर ऑफ़ कम्प्यूटर एप्लिकेशन की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय में लगभग आठ वर्षों तक शिक्षक एवं प्रोग्रामर के तौर पर नौकरी की। आज़ाद तबियत होने के कारण नौकरी को प्रणाम कर अब स्वतन्त्र तकनीकी अनुवादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। पढ़ने के शी ने उन्हें लिखने की ओर प्रेरित किया। प्रस्तुत उपन्यास यद्यपि इनकी पहली मुद्रित रचना है, तथापि इनके लेख पत्रिकाओं, अख़बारों एवं मीडिया पोर्टलों पर प्रकाशित होते रहे हैं।

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