Dr. Pandurang Rao
डॉ. पांडुरंग राव -
1930 में आन्ध्र प्रदेश में जनमे डॉ. पाण्डुरंग राव संघ लोक सेवा आयोग, नयी दिल्ली के निदेशक (भाषाएँ) तथा भारतीय भाषा परिषद्, कलकत्ता में निदेशक रहने के बाद भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली के निदेशक पद पर आसीन रहे।
डॉ. राव आन्ध्र प्रदेश में प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने हिन्दी में, नागपुर विश्वविद्यालय से 1957 मंं डॉक्ट्रेट किया। शैक्षणिक प्रशासन और विभिन्न साहित्यिक संस्थानों के तकनीकी परामर्शदाता और मानद सदस्य डॉ. राव की संग्लनता निरन्तर लेखन कार्य में बनी रही। उनकी तेलुगु, हिन्दी और अंग्रेज़ी में तुलनात्मक साहित्य, भारतीय दर्शन और साहित्यिक आदान-प्रदान से सम्बन्धित लगभग 50 पुस्तकें प्रकाशित हैं। भारतीय ज्ञानपीठ से उनकी तीन पुस्तकें— 'रामकथा नवनीत', 'रामायण के महिला पात्र' (दोनों पुस्तकें वाल्मीकि रामायण पर आधारित) तथा एक उपन्यास 'गिरा अनयन नयन बिनु बानी' तेलुगु से अनुवाद प्रकाशित हैं।
डॉ. पांडुरंग राव भाषा और साहित्य की सेवा के लिए आन्ध्र प्रदेश, बिहार और भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित हुए।
निधन: 26 दिसम्बर, 2011, दिल्ली में।