Ravindra Kelekar
जन्म: 7 मार्च, 1925।
छात्र जीवन में ही गोवा मुक्ति आन्दोलन में सहभागिता। केलेकर के ही शब्दों में, 'मैं असल में एक 'फाइटर' हूँ। मुझमें जो 'राइटर' दिखाई देता है वह उसी का प्रतिफल है।' कोंकणी साहित्यपरिषद् के पूर्व अध्यक्ष, गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान की कार्यकारिणी के सदस्य, गाँधी आश्रम नागालैण्ड के न्यासी तथा केन्द्रीय साहित्य अकादेमी के सदस्य रहे।
प्रकाशन : कोंकणी में 'उजवाढाचे सूर', 'समिधा', 'सांगली', 'ब्रह्मांढातलें तांडव', 'ओथांबे', 'सर्जकाची आन्तरकथा', 'कामोरेर', 'तथागत' आदि लगभग 25 पुस्तकें। मराठी में 'कोंकणीचें राजकरण', 'जपान जसा दिसला' आदि तीन पुस्तकें तथा हिन्दी एवं गुजराती में भी कुछेक पुस्तकें प्रकाशित। गाँधी और काका कालेलकर की अनेक पुस्तकों का सम्पादन अनुवाद।
सम्मान-पुरस्कार : गोवा कला अकादमी का साहित्य पुरस्कार (1974), साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1977), स्वामी प्रणवानन्द पुरस्कार (1990), कोंकणी साहित्यरत्न पुरस्कार (1994), गोवा राज्य सांस्कृतिक पुरस्कार, गोवा कला अकादमी का सर्वोच्च गोमंत शारदा पुरस्कार (1997 ), उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य संस्थान का सौहार्द पुरस्कार (1999) आदि से सम्मानित।