Vikram Sampath
विक्रम सम्पत -
बेंगलुरु के डॉ. विक्रम सम्पत चार प्रशंसित पुस्तकों के लेखक हैं —एप्लेंडर ऑफ़ रॉयल मैसूर : अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ वोडेयर्स, माई नेम इज़ गौहर जान लाइफ एंड टाइम्स ऑफ़ ए म्यूज़िशियन, वॉयस ऑफ़ द वीना : एस. बालचन्दर और सावरकर : एक्रोस फ़्राम ए फोर्गेटेन पास्ट।
विक्रम को अंग्रेज़ी साहित्य में साहित्य अकादेमी का पहला युवा पुरस्कार और गौहर जान पुस्तक के लिए ऐतिहासिक अनुसन्धान में उत्कृष्टता के लिए ARSC, न्यू यॉर्क के अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। गौहर जान पर लिखी पुस्तक को प्रख्यात नाट्यकर्मी लिल्लेट दुबे द्वारा नाटक के लिए रूपान्तरित भी किया गया है और जल्द ही आशुतोष गोवारिकर द्वारा एक फ़िल्म के रूप में भी दिखायी देगी।
विक्रम ने ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय से इतिहास और संगीत में डॉक्टरेट किया है, और वर्तमान में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय, नयी दिल्ली में एक वरिष्ठ फ़ेलो हैं। उन्होंने BITS-पिलानी से इंजीनियरिंग और एस.पी. जैन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, मुम्बई से वित्त में एम.बी.ए. किया है और वे एक प्रशिक्षित शास्त्रीय कर्नाटिक गायक भी हैं।
उन्होंने भारत के पहले डिजिटल साउंड आर्काइव 'आर्काइव ऑफ़ इंडियन म्यूज़िक' की स्थापना की है। वे बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल और ज़ी ग्रुप के 'अर्थ कल्चर फेस्ट' के संस्थापक भी हैं।
अंशुमान पाण्डेय (अनुवादक): स्पन्दन कम्युनिकेशंस के निदेशक हैं, जो राष्ट्रीय स्तर का एक सांस्कृतिक संगठन है। वे दिल्ली स्थित रविशंकर केन्द्र के निर्देशक भी हैं और स्पिक मैके के पूर्व राष्ट्रीय निदेशक रह चुके हैं जहाँ वह 'दि आई' पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक थे और वर्तमान में 'दि म्युसिकोरम' पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास (ऑनर्स) स्नातक और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट से मार्केटिंग मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट, अंशुमान पाण्डेय मीडिया, कलाकार और इवेंट सलाहकार हैं और उन्होंने पण्डित रविशंकर, उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान, बी.वी. कारन्त, हबीब तनवीर, निर्मल वर्मा, गुलज़ार, गिरिजा देवी जैसी कई अन्य महान हस्तियों के साथ काम किया है।
अंशुमान जैन (अनुवादक): एक पूर्व पत्रकार हैं, जिन्होंने पायनियर, हिन्दुस्तान टाइम्स व अन्य कई प्रकाशनों के साथ काम किया है। पत्रकारिता छोड़ने के पश्चात वे पहले अपने पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हुए और फिर एक फ़िल्म प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत की। जहाँ वे फ़िल्म, वृत्तचित्र, धारावाहिक, कॉर्पोरेट फ़िल्म आदि का निर्माण करते हैं। कई वर्षों से स्पिक मेकै के सक्रिय सदस्य के रूप में अंशुमान राजधानी में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय संगीत, संस्कृति और साहित्यिक कार्यक्रमों के प्रचार का काम भी करते हैं। वह एक शौक़ीन फ़ोटोग्राफ़र भी हैं और विभिन्न सामाजिक अभियानों के साथ जुड़े हुए हैं।