Meera Kant
मीरा कान्त
1958 में श्रीनगर में जन्म ।
प्रकाशन : हाइफन, काग़ज़ी, बुर्ज, गली दुल्हनवाली और ताले में शहर (कहानी-संग्रह); तत्ः किम्, उर्फ़ हिटलर, एक कोई था कहीं नहीं-सा और हमआवाज़ दिल्लियाँ (उपन्यास); स); ईहामृग, नेपथ्य राग, भुवनेश्वर दर भुवनेश्वर, कन्धे पर बैठा था शाप, काली बर्फ, मेघ-प्रश्न, हुमा को उड़ जाने दो, अन्त हाज़िर हो और उत्तर प्रश्न (नाटक); पुनरपि दिव्या (नाट्य रूपान्तर) तथा अन्तरराष्ट्रीय महिला दशक और हिन्दी पत्रकारिता शोधपरक ग्रन्थ । मीराँ : मुक्ति की साधिका का सम्पादन । मोहन राकेश के अधूरे उपन्यास काँपता हुआ दरिया की पूरक कथाकार भी । नाटकों का मराठी, तेलुगू, उर्दू, अंग्रेज़ी, कन्नड व संस्कृत में अनुवाद भी प्रकाशित ।
मंचन : 'कालिदास नाट्य समारोह', उज्जैन, 'भारत रंग महोत्सव', दिल्ली, 'इंटरनेशनल आर्ट्स फेस्टिवल', दिल्ली, 'साहित्य कला परिषद' तथा 'हिन्दी अकादमी', दिल्ली के तत्वावधान और देश के असंख्य शहरों में समय-समय पर नाटकों का मंचन । नाटक 'उत्तर प्रश्न' संस्कृत में भी मंचित ।
पुरस्कार/सम्मान : नेपथ्य राग के लिए वर्ष 2003 में मोहन राकेश सम्मान (प्रथम पुरस्कार), ईहामृग के लिए सेठ गोविन्द दास सम्मान (2003), तत्ः किम् के लिए अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति सम्मान (2004), 'पुवनेश्वर दर भुवनेश्वर के लिए डॉ. गोकुल चन्द्र गांगुली पुरस्कार (2008), उत्तर प्रश्न के लिए मोहन राकेश सम्मान (प्रथम पुरस्कार) 2008, हिन्दी अकादमी, दिल्ली के साहित्यकार सम्मान (2005-06), एवं सर्वश्रेष्ठ लेखक के नटसम्राट सम्मान (2015) से अलंकृत ।
सम्पर्क : बी-95, गुलमोहर पार्क, नयी दिल्ली-110049
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