C. Narayan Reddy
सी. नारायण रेड्डी
आन्ध्र प्रदेश के करीमनगर में एक दूरदराज गाँव हनुमाजीपेट के एक कृषक परिवार में जनमे डॉ.सी. नारायण रेड्डी (सिनारे) साहित्य के अपनी पीढ़ी के सर्वाधिक जाने-माने कवियों में से हैं। उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद में एक प्राध्यापक के रूप में तथा सार्वजनिक मंच पर अपनी तार्किक कुशाग्रता, तीक्ष्ण अन्तर्दृष्टि और काव्य संवेदना के कारण उन्होंने अप्रतिम सफलता अर्जित की है। आन्ध्र प्रदेश राजभाषा आयोग के अध्यक्ष तथा आन्ध्र प्रदेश सार्वत्रिक विश्वविद्यालय के उपकुलपति पद को अलंकृत करने के पश्चात् सम्प्रति आप तेलुगु विश्वविद्यालय के उपकुलपति हैं। चार दशकों से भी अधिक समय से काव्य-साधना में रत डॉ. रेड्डी की अब तक चालीस से भी अधिक कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें कविता, गीत, नृत्य-संगीत नाटक, निबन्ध, यात्रा संस्मरण, साहित्यालोचन तथा ग़ज़लें (मौलिक तथा अनूदित) सम्मिलित हैं। इन कृतियों में से अनेक में वे एक प्रवर्तक के रूप में उभरे हैं। साहित्य अकादेमी पुरस्कार, सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार, कुमारन् आशान् पुरस्कार तथा भारतीय भाषा परिषद् (कलकत्ता) के भीलवाड़ा पुरस्कार से सम्मानित एवं 'पद्मश्री' से अलंकृत डॉ. रेड्डी वर्ष 1988 के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं।