Vibha Rani
जन्म : 1959
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), बी.एड.
साहित्य : बंद कमरे का कोरस (हिंदी कहानी संग्रह), 'मिथिला की लोककथाएं', 'कन्यादान' (मैथिली उपन्यास : हरिमोहन झा), 'राजा पोखरे में कितनी मछलियाँ' (मैथिली उपन्यास : प्रभास कुमार चौधरी) के हिंदी अनुवाद, 'खोह स निकसइत' (मैथिली कथा संग्रह) प्रकाशित, पटाक्षेप (मैथिली उपन्यास : लिली रे ), गोनू झा के किस्से प्रकाश्य, विभिन्न विज्ञापन एजेंसियों व फिल्म्स डिविजन के लिए स्क्रिप्ट लेखन, इधर नाटक लेखन भी, 'दूसरा आदमी, दूसरी औरत' नाटक 'द एक्सपेरिमेंटल थिएटर फाउंडेशन' मुंबई द्वारा मंचित और अत्यंत चर्चित, कोसी के आर-पार, आज की कविता मुंबई- 1, बस, अब और नहीं, में कहानियाँ, कविताएं, संकलित ।
सम्मान : कथा अवार्ड 1998, मैथिली कहानी 'रहथु साक्षी छठ घाट' के लिए; डॉ. माहेश्वरी सिंह 'महेश' ग्रंथ- पुरस्कार मैथिली कथा संग्रह 'खोह स निकसइत' के लिए; घनश्याम दास सर्राफ साहित्य-सम्मान हिंदी कहानी संग्रह 'बंद कमरे का कोरस' के लिए।
संप्रति : इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लि. (मार्केटिंग डिविजन) के पश्चिमी क्षेत्र, मुंबई में उप-प्रबंधक (हिंदी) के रूप में कार्यरत ।
संपर्क : 504-बी, लिलाक गार्डन, चारकोप, कांदीवली (पश्चिम) मुंबई - 400067, फोन : 8694643