Harishankar Srivastava
हरिशंकर श्रीवास्तव
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1943 में इतिहास में एम.ए.; लगभग चालीस वर्ष तक स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्यापन, जिसमें 37 वर्षों तक अध्यक्ष पद पर कार्य करने का अनुभव; फ़ेलो-रायल, एशियाटिक सोसाइटी, लन्दन; फ़ेलो-इंस्टीच्यूट ऑफ़ हिस्टारिकल स्टडीज, कलकत्ता; दो दशक तक सदस्य- इंडियन हिस्टारिकल रेकाईस कमीशन, भारत सरकार; सदस्य यू.पी. रीजनल रेकाईस सर्वे कमेटी, उत्तर प्रदेश सरकार; सदस्य-उत्तर प्रदेश स्वतन्त्रता संग्राम इतिहास परामर्श दात्री समिति, उत्तर प्रदेश सरकार; अध्यक्ष-मध्यकालीन इतिहास, शाखा, इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस (34वाँ अधिवेशन, 1973, चण्डीगढ़); अध्यक्ष-मध्यकालीन शाखा पंजाब हिस्ट्री कांग्रेस, पटियाला, 1979; सदस्य- भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद्, नयी दिल्ली, 1991-94; भारत सरकार द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के कोर्ट का नामित सदस्य-1991-94; अध्यक्ष - उत्तर प्रदेश, इतिहास कांग्रेस, 1987 ।
प्रमुख कृतियाँ :
1. मुग़ल सम्राट हुमायूँ (हिन्दी), प्रथम संस्करण, आगरा, 1965; द्वितीय संस्करण, भारत सरकार बुक ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया के माध्यम से 1985 में प्रकाशित । तीसरा संस्करण वाणी प्रकाशन, दिल्ली, 2004
2. हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन फेमींस (1858-1918), (अंग्रेज़ी) आगरा, 1968
3. मुग़ल शासन प्रणाली, प्रथम संस्करण, मैकमिलन इंडिया; तृतीय एवं चतुर्थ संशोधित संस्करण, वाणी प्रकाशन, दिल्ली, 2003
4. मध्यकालीन भारतीय इतिहास-लेखन (1200-1445), (हिन्दी) 1997, वाराणसी।
5. कल्चरल सिंथेसिस इन मेडिवल इंडिया, के.पी. जायसवाल मेमोरियल, लेक्चर, (अंग्रेजी) पटना, 2002
इनके अतिरिक्त अस्सी (80) से अधिक शोध-लेख तथा स्नेहदान कहानी-संग्रह प्रकाशित ।