Samne Ka Aasman

Madhur Kapila Author
Hardbound
Hindi
9789362872364
2nd
2024
378
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सामने का आसमान -
सामने का आसमान वरिष्ठ लेखिका मधुर कपिला का उपन्यास है। इसके बारे में स्वयं लेखिका का कहना है - "एक छोटा-सा कण, एक छोटा-सा बिन्दु, एक छोटी-सी बात, एक छोटी-सी घटना सृजन का कारण बन सकती है। ऐसी ही कोई बात आपके जीवन से, आपके घर से, आपके परिवेश से या फिर पूरी व्यवस्था से निकलकर आपकी अपनी निजी बन, आपको उद्वेलित करती रहती है और तब तक आपके पूरे वजूद अपनी गिरफ्त में लिये रहती है, जब तक उसे कोई आकार नहीं मिल जाता।"
लेखिका ने सामने का आसमान लिखना वर्ष 1998 में शुरू किया। सतत रूप से वह इसकी कथावस्तु, शिल्प-सौष्ठव से जूझती रहीं, उसे शोधित-परिमार्जित करती रहीं। फलस्वरूप आज लगभग बारह साल बाद यह उपन्यास अपना अन्तिम रूप पा सका। पहली बार इसका प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ ने 2010 में किया था।
आधुनिक संवेदना के साथ लिखा गया यह उपन्यास मानव मन की गहराइयों में छिपे कोलाहल को शब्द देता है। यह उपन्यास लेखिका के लम्बे जीवनानुभव का दस्तावेज़ सरीखा है। रंगकर्म इसमें अपने समस्त आरोह-अवरोह के साथ समाहित है।

मधुर कपिला (Madhur Kapila)

मधुर कपिला जन्म : 15 अप्रैल, 1942लेखिका, पत्रकार, कला व पुस्तक समीक्षक। 1977 से स्वतन्त्र पत्रकारिता। पहली कहानी जालन्धर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र 'वीर प्रताप' में। तत्पश्चात् अब तक ‘दैनिक ट

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