• New

Aaina

Hardbound
Hindi
9789362878472
1st
2024
90
If You are Pathak Manch Member ?

आईना - भारतीय नवजागरण के इतिहास को रचने में प्रादेशिक स्तर पर क्रियाशील कई कार्यकलाप महत्त्वपूर्ण हैं। यह कहना उचित होगा कि भारतीय नवजागरण प्रादेशिक नवजागरण का समुच्चय है ।

केरल के नवजागरण कार्यकलापों को दिशा देने में श्रीनारायण गुरु की अहम भूमिका रही। जाति प्रथा के विरुद्ध उनका संघर्ष क्रान्तिकारी रहा। उनका मानना था कि जाति एक ही है, धर्म एक ही है। मनुष्य एवं समाज की वास्तविक मुक्ति के लिए जाति रहित, धर्म रहित देश की ज़रूरत है ।

शिक्षा को श्रीनारायण गुरु ने अनिवार्य माना, ख़ासकर निम्न वर्ग के लिए। समाज को आगे बढ़ने के लिए व्यवसाय को उन्होंने प्राथमिकता दी । उनका यह भी कहना था कि निम्न तबके के लोगों को संगठित होना है ।

मूल रूप से श्रीनारायण गुरु भक्त थे, कवि भी थे । उनके कई दार्शनिक काव्य हैं । वे भारतीय सन्त-परम्परा में परिगणित होने योग्य सद् व्यक्ति हैं ।

केरल भर में श्रीनारायण गुरु ने कई मन्दिरों की स्थापना की है। कुछ समय के पश्चात् गुरु को लगा मूर्ति प्रतिष्ठा का ज़्यादा महत्त्व नहीं है । उन्होंने कई मन्दिरों में आईने की प्रतिष्ठा की । यह एक प्रतीकात्मक कार्य था । लोग अपने को देख सकें। अपने अन्तर्मन को देख सकें, समझ सकें ।

यह उपन्यास आईना श्रीनारायण गुरु के जीवन पर आधारित है; एक जीवनीपरक उपन्यास |

ए. अरविन्दाक्षन (A. Arvindakshan )

ए. अरविन्दाक्षन भूतपूर्व प्रतिकुलपति, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र ।प्रकाशित रचनाएँ : कविता संकलन : बांस का टुकड़ा (1992), घोड़ा (1998), आसपास (2003), सपने सच होत

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

Related Books