Sanyasi Aur Sundari

Hardbound
Hindi
9788181434470
2nd
2012
107
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संन्यासी और सुंदरी -
वयोवृद्ध प्रसिद्ध आलोचक डॉ. रामचरण महेन्द्र ने इस पुस्तक के बारे में लिखा है- 'संन्यासी और सुन्दरी नृत्यांगना वासवदत्ता और आचार्य उपगुप्त, सामन्त आकर्षण-विकर्षण, प्रेम और वैराग्य, यौवन से छलकते महकते भाव सुमनों का एक अपूर्व गुलदस्ता है जिसे साहित्यकार यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' की पीयूषवर्षिणी लेखनी ने बड़ी कुशलता से सजाया है। उसमें प्रेम, यौवन, वासना और सौन्दर्य का भाव समुद्र हिलोरें ले रहा है, तो दूसरी ओर गूढ़ दार्शनिक तत्त्व विवेचना, उच्चादर्श तथा जीवन का मंजुल वातावरण महक रहा है।
यह शत-प्रतिशत सही है कि अपने इस उपन्यास के कारण चन्द्र श्रेष्ठ उपन्यासकार की श्रेणी में आ गये हैं। प्रमाण स्वरूप यह उपन्यास मराठी, उर्दू, ओड़िया, गुजराती में अनुवादित प्रकाशित होकर बहुत ही प्रशंसा अर्जित कर चुका है। आप भी इसको पढ़कर माधुर्य-रस में डूब जायेंगे।
-प्रकाशक

यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' (Yadvendra Sharma 'Chandra')

यादवेंद्र शर्मा 'चंद्र'- पुरस्कार : साहित्य अकादेमी, फणीश्वरनाथ रेणु, मीरा, राजस्थान साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा सा.सं. अकादमी, राजस्थान पत्रिका कहानी पुरस्कार व अनेक पुरस्कार।सम्मान : सा

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