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Prakrat Bhasha Mein Ramakatha

Hardbound
Hindi
9789355182883
1st
2023
180
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रामकथा के इस विशालकाय ग्रन्थ का सुव्यवस्थित सुसम्पादन अपनी विद्वत्तापूर्ण मनीषा से भारतीय भाषाओं, धर्म, संस्कृति के तलस्पर्शी ज्ञाता जर्मन विद्वान डॉ. हर्मन याकोबी ने सन् 1914 में भावनगर में किया था, तदुपरान्त इसी कृति की महत्ता और गुणवत्ता का अभिज्ञान हुआ ।

ज्ञान-विज्ञान एवं जीवन दर्शन के विविध पक्षों के इस अनुपमेय कोश में रामकथा का नवीन दृष्टिकोण संवर्द्धित है। सभी पात्रों का चरित्र प्रभावोत्पादक है, ज्ञान-विज्ञान, भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, धर्म, दर्शन आदि सभी धाराओं का प्रवाह निश्चित रूप से रामभक्तों, साहित्यप्रेमियों, भाषाविदों, तत्त्ववेत्ताओं को चिन्तन, भक्ति के नये क्षितिज प्रदान करेगा। अकादमिक स्तर पर भी नये-नये शोध को सशक्त आधार प्राप्त होंगे। अस्तु, इस कृति के प्रकाशन से अनेक अन्तःसाक्ष्य उदघाटित होंगे।

डॉ. नीलम जैन (Dr. Neelam Jain)

डॉ. नीलम जैन शिक्षा : एम. ए., पी-एच.डी. । यूरोप, अमेरिका आदि विश्व के अनेक देशों की साहित्यिक यात्राएँ। स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका की विजिटिंग स्कॉलर । जैन दर्शन एवं रामकथा विशेषज्ञ के रूप में अन

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