Rajvadhoo

Hardbound
Hindi
9788126318841
5th
2016
284
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राजवधू - मराठी लेखिका शुभांगी भडभडे का चर्चित उपन्यास 'राजवधू' कृष्णभक्त मीरा के जीवन पर आधारित है। राजस्थान के इतिहास में मीरा का पितृकुल और श्वसुरकुल दोनों ही अत्यन्त प्रसिद्ध रहे हैं, फिर भी मीरा के जीवन प्रसंग एकदम प्रामाणिक न होकर वहाँ की जनश्रुतियों एवं लोकगाथाओं पर आश्रित हैं। लेखिका ने राजस्थान का इतिहास, जनश्रुति और कुछेक आलेखों को साक्ष्य मानकर इस उपन्यास का तानाबाना बुना है। सात वर्ष के वैवाहिक जीवन के बाद जब मीरा ने युवावस्था में पदार्पण किया, तभी उसे वैधव्य प्राप्त हो गया था। उसके बाद तो पीहर और ससुराल के सभी आधार एक-एक कर समाप्त होते गये थे। तब फिर कृष्णभक्ति ही मीरा का जीवनाधार बनी। निराकार के उत्कट प्रेम में वह राजकुल की मर्यादा भी भूल बैठी। वह कृष्णमय या कहें आत्ममग्न हो गयी। अपनी पराकाष्ठा में निराकार भक्ति साकार बन बैठी, सम्भवतः इसीलिए वह वैधव्य को झेलती हुई भी जीवनभर स्वयं को सौभाग्यवती मानती रही। प्रस्तुत उपन्यास में लेखिका ने मीरा को प्रसिद्ध राजवंश की एक राजकुमारी के रूप में, राजवधू के रूप में, श्रीकृष्ण की आराधिका और कवयित्री के रूप में चित्रित किया है। उपन्यास का कथानक इतना रोचक बन पड़ा है कि एक बार पढ़ना आरम्भ करने के बाद पाठक उसे बीच में छोड़ना नहीं चाहेगा।

शुभांगी भड़भड़े अनुवाद ओम शिवराज (Shubhangi Bhadbhade Translated by Om Shivraj )

शुभांगी भडभडे - जन्म: 21 दिसम्बर, 1942 ई. को मुम्बई में। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी साहित्य), साहित्यरत्न। प्रकाशित कृतियाँ : मराठी में तेरह चरित्रात्मक और अठारह सामाजिक उपन्यास। सात कहानी-संग्रह और बार

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