Oh Re! Kisan

Ankita Jain Author
Paperback
Hindi
9789389915877
2nd
2023
220
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सृष्टि के सारे ग्रह पुल्लिंग हैं किन्तु एकमात्र पृथ्वी ही है जिसे स्त्रीलिंग कहा गया है क्योंकि पृथ्वी पर जीवन है, अर्थात् वह स्त्री ही होती है जो हमारे जन्म-जीवन का कारण होती है। सुश्री अंकिता जैन के द्वारा कृषि और कृषक पर लिखना मुझे आनन्द और आशा से भरता है। अंकिता की दृष्टि व्यापक ही नहीं गहरी भी है। उन्होंने ओह रे! किसान में बहुत गहरे उतरकर भूमिपुत्रों की परिस्थिति और मनःस्थिति का बेहद प्रभावशाली दृश्य प्रस्तुत किया है। नौकरी हो या व्यापार, संसार के सभी कर्म हम अपनी सुविधा से, अपने मन के मुताबिक कर सकते हैं, किन्तु कृषि एकमात्र कर्म है जिसे हमें मन के नहीं

मौसम के अनुसार करना होता है, वह भी बिना रुके और बिना थके। सुश्री अंकिता को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ, मुझे विश्वास है कि किसानों की कथा और व्यथा को समाज और सरकार के सामने प्रस्तुत करने वाला उनका रचनाश्रम हमारी दृष्टि में ही नहीं हमारे दृष्टिकोण में भी सार्थक, व्यापक, सकारात्मक परिवर्तन का कारण होगा। जय कृषि-जय ऋषि !

- आशुतोष राना अभिनेता और साहित्यकार

अंकिता जैन (Ankita Jain )

अंकिता ने बनस्थली विद्यापीठ से कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में एमटेक करने के बाद सीडेक, पुणे में साल भर आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस में शोधकार्य किया, फिर भोपाल के बंसल कॉलेज में बतौर लेक्चरर प

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