Rangbhoomi

Paperback
Hindi
9789388434126
4th
2019
496
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रंगभूमि -
नौकरशाही तथा पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष का ताण्डव इस उपन्यास की कथावस्तु है। सत्य, निष्ठा और अहिंसा के प्रति आग्रह, ग्रामीण जीवन तथा स्त्री-दुदर्शा का भयावह चित्र भी इस उपन्यास द्वारा अंकित गया है। परतन्त्र भारत की सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक समस्याओं के बीच राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण यह उपन्यास प्रेमचन्द के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को बहुत ऊँचा उठाता है। सही मायनों में प्रेमचन्द का सम्पूर्ण कथा संसार उनके इसी भाव-बोध को दर्शाता है। 'रंगभूमि' का उद्देश्य भी उस मनोभाव को उकेरता है जो समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का हौंसला रखता है।

मुंशी प्रेमचन्द (Munshi Premchand)

मुंशी प्रेमचन्द हिंदी के आधुनिक कथा शिल्पी कहे जाने वाले उर्फ धनपतराय का जन्म लमही के एक सामान्य परिवार में 31 जुलाई 1880 को हुआ था । उनके पिता का नाम अजायब राय और मां का नाम आनंदी देवी था । उनकी कल

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