9 अक्टूबर साल 1920 का दिन था जब मुरादाबाद पहली बार पण्डित जवाहरलाल नेहरू के आगमन का गवाह बना । पण्डित नेहरू का मुरादाबाद से ख़ास लगाव रहा । स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान वह सक्रिय रहे और बराबर लोगों में देशभक्ति की अलख जगाते रहे। कहा जाता है कि साल 1920 में बुध बाज़ार स्थित महाराजा थिएटर में कांग्रेस का तीन दिवसीय संयुक्त प्रान्तीय सम्मेलन आयोजित हुआ था। यही वह आयोजन था जिसमें महात्मा गांधी के असहयोग आन्दोलन के प्रस्ताव को अन्तिम रूप प्रदान किया गया था।
आयोजन में जहाँ महात्मा गांधी, पण्डित मदन मोहन मालवीय, एनी बेसेंट ने भागीदारी निभाई वहीं नेहरू भी अपने पिता मोतीलाल नेहरू के साथ आयोजन स्थल पर पहुँचे थे। क़ीब 22 साल बाद सन् 1942 में पण्डित नेहरू फिर मुरादाबाद आये । उस दौरान महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आन्दोलन चरम पर था। जनपद मुरादाबाद की ही तहसील ठाकुरद्वारा में सनातन धर्म इंटर कॉलेज के प्रबन्धक साहू सीताराम और शिव सुन्दरी मॉटेंसरी स्कूल के संस्थापक साहू रमेश कुमार ने जनसभा का आयोजन किया था । ध्यातव्य है कि इस सभा को सम्बोधित करने वाले पण्डित नेहरू ही थे।
-इसी पुस्तक से
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