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व्योम विस्तार

कविता
Hardbound
Hindi
9789355181732
1st
2023
124
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धीरा खण्डेलवाल का कविता संसार व्यापक है। उनकी कविताएँ सहज-सरल होती हैं और अन्तर्मन की गहराइयों तक उतर जाती हैं। धीरा जी में छोटे-छोटे सामान्य अनुभवों को कविता में ढालने की अद्भुत प्रतिभा है। वे अपनी कविताओं में सहजता के साथ गहरी और गम्भीर बातें कह जाती हैं। उनमें सीखने की प्रबल इच्छा है। साहित्य की नयी-नयी विधाएँ सीखते समय उनकी बाल-सुलभ जिज्ञासा उनकी विविध कविताओं में दिखती है। धीरा जी की साहित्यिक प्रतिभा नैसर्गिक है। उनकी कविताओं का बिम्ब विधान अद्वितीय होता है। उन्हें जहाँ अलंकार प्रिय हैं, वहीं उनका शब्दकोश भी कमाल का है।
धीरा जी की शैली काव्यात्मक चमत्कारों से परिपूर्ण है। उनकी कविता के विषय जीवन के नित नवीन अनुभव होते हैं। इसमें आत्मआनन्द के साथ-साथ जीवन और जगत की सच्चाई का पुट भी रहता है। प्रस्तुत संग्रह व्योम विस्तार में नूतन प्रयोग किया गया है। इसमें धीरा खण्डेलवाल की दस काव्य विधाओं को एक साथ प्रस्तुत किया गया है। यह नव्यतम प्रयोग पाठकों को पसन्द आयेगा, ऐसा हमारा दृढ़ विश्वास है ।

धीरा खण्डेलवाल (Dheera Khandelwal)

धीरा खण्डेलवालशिक्षा : एम.ए., एम. फिल. (इतिहास), एल.एल.बी, ज्योतिष प्रवीण, ज्योतिष विशारद । साझा संकलन: नेह के दीप, माटी की महक, ओस के मोती, क़दमों की लय, उड़ान अपनी-अपनी ।कविता संग्रह : मुखर मौन, साँझ- सक

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