निर्मला -
निर्मला प्रेमचंद का पहला उपन्यास है जिसमें वे क्रूर यथार्थ की ज़मीन पर खड़े हो कर भारतीय समाज में नारी की असहाय स्थिति का चित्रण करते हैं। ग़रीबी के कारण युवा निर्मला का विवाह अधेड़ तोताराम से हो जाता है तब बेमेल विवाह की विडम्बनाओं का चक्र घूमने लगता है। लेकिन निर्मला परिस्थिति से समझौता नहीं करती और अपना प्रतिकार जारी रखती है। इसी तरह, अन्य नारी पात्र भी अपनी संघर्ष चेतना का परिचय देते रहते हैं। 'निर्मला' के माध्यम से प्रेमचंद ने तत्कालीन समाज की अन्य विडम्बनाओं पर भी प्रकाश डाला है।
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