अन्तिम शब्द - एक सशक्त तथा संवेदनशील कथा लेखक के रूप में मराठी साहित्यकार गंगाधर गाडगिल की योग्यता की परिचायक उनकी कुछ विशेष कहानियों का संग्रह है— 'अन्तिम शब्द'। इनमें प्रमुख रूप से नारी जीवन की विविधता का चित्रण है। नारी स्वभाव के जो विविध रूप इन कहानियों में दिखाई देते हैं वे निश्चय ही लेखक की सूक्ष्म दृष्टि की देन हैं। इन कहानियों की नारी चाहे बालिका हो, तरुणी हो या वृद्धा, वह चाहे उच्च वर्ग की हो अथवा मध्यम या निम्न वर्ग की, जिस बारीक़ी से वे नारी मन की विविध छटाओं को परिस्थिति के ताने-बाने में गूँथकर उनका चित्रण करते हैं वह निश्चय ही सराहनीय है। वास्तविक जीवन में नारी की महत्ता को गाडगिल ख़ूब पहचानते हैं। उसका सामर्थ्य, उसकी पवित्रता, उसका समर्पण भाव, साथ ही उसकी स्वार्थपरायणता, उसकी धूर्तता तथा उसकी असहायता एवं मूर्खता, कुछ भी उनकी लेखनी से अछूता नहीं रहा। वे अपनी कथा नायिका के व्यवहार पर कोई भाष्य, कोई टिप्पणी नहीं करते, न ही कोई उपदेश देते हैं, उनका उद्देश्य केवल जीवन दर्शन है। और यही गुण उनकी कथाओं को विशेष ऊँचाई प्रदान करता है। आशा है, हिन्दी पाठकों को उनकी ये कहानियाँ बहुत रुचिकर लगेंगी।
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