उदय प्रकाश के बारे में यह कहना काफी नहीं है कि वे हमारे समय के सबसे अच्छे युवा कहानीकार हैं, बल्कि सच यह है कि उन्होंने सम्पूर्ण हिन्दी कहानी के परिदृश्य में अपने लिए मुकम्मल जगह बना ली है। जब-जब लोग प्रेमचन्द, अमरकान्त, रेणु और रामनारायण शुक्ल आदि को याद करेंगे, तब-तब उदय प्रकाश का उल्लेख भी आयेगा। उनका यह कहानी-संग्रह इस बात की पुष्टि करता है 1
हमारे यहाँ हिन्दी में अच्छे कहानीकारों की आज भी कमी नहीं है। कम-से-कम एक दर्जन ऐसे नाम हैं जिनका ज़िक्र करते हुए हमें खुशी हो सकती है। लेकिन 'तिरिछ', 'छप्पन तोले का करधन' या 'हीरालाल का भूत' जैसी कहानियाँ लिखने के लिए कला ही नहीं, कलेजा भी चाहिए...।
- विष्णु नागर
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