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लेकिन

शायरी / ग़ज़ल
Hardbound
Hindi
9789390678082
1st
2021
222
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“सबसे पुरअम्न वाक़या ये है

आदमी आदमी को भूल गया

यानी तुम वो हो? वाक़ई? हद है!

मैं तो सचमुच सभी को भूल गया”

ये जो “सभी को भूल गया" है, इसमें जॉन ख़ुद भी शामिल हैं। उम्मीद है कि आपको 'लेकिन' पसंद आएगी। इस पुस्तक में जॉन एलिया नामक आदमी बहुत कम है, हाँ जॉन नामक औलिया शायर भरपूर नुमायाँ है! यूँ मानिए जैसे इस संग्रह 'लेकिन' के बारे में जॉन ख़ुद ये कह रहे हों-

“अब तो मुझको पसंद आ जाओ

मैंने ख़ुद में बहुत कमी कर ली”

-डॉ. कुमार विश्वास

-भूमिका से

दीपक रूहानी (Deepak Ruhani )

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डॉ. कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas)

डॉ. कुमार विश्वास का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद जिले में, 10 फरवरी 1970 को वसन्त पंचमी के दिन हुआ। कलावादी माँ का लयात्मक लोकज्ञान व प्राध्यापक पिता का भयात्मक अनुशासन साथ-साथ मिले। इ

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जॉन एलिया (Jaun Elia )

जॉन एलिया पाकिस्तान के मशहूर कवि, शायर और दार्शनिक ।जन्म : 14 दिसम्बर 1931, अमरोहा, उत्तर प्रदेश ।पाकिस्तान के स्वतन्त्र राष्ट्र बन जाने के बाद जॉन एलिया 1957 में स्थायी रूप से कराची में बस गये । रजब क

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