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एक प्रेम कहानी

Paperback
Hindi
9789352292011
4th
2018

एक प्रेम कहानी
मंटो फ़रिश्ता नहीं, इन्सान है। इसलिए उसके चरित्र ग़ुनाह करते हैं। दंगे करते हैं। न उसे किसी चरित्र से प्यार है न हमदर्दी। मंटो न पैग़म्बर है। न उपदेशक। उसका जन्म ही कहानी कहने के लिए हुआ था। इसलिए फसाद की बेरहम कहानियाँ लिखते हुए भी उस का क़लम पूरी तरह क़ाबू में रहा। मंटो की ख़ूबी यह भी थी कि वो चुटकी बजाते एक कहानी लिख लेता था और वो भी इस हुनरमन्दी के साथ कि चुटकी बजाते लिखी जाने वाली कहानियाँ भी आज उर्दू-हिन्दी अफ़साने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
मंटो पर बातें करते हुए अचानक देवेन्द्र सत्यार्थी की याद आ जाती है। मंटो का मूल्यांकन करना हो तो मंटो और मंटो पर लिखे गये, दुनियाभर के लेख एक तरफ मगर सत्यार्थी मंटो पर जो दो सतरें लिख गये, उसकी नज़ीर मिलनी मुश्किल है। 'मंटो मरने के बाद ख़ुदा के दरबार में पहुंचा तो बोला, तुमने मुझे क्या दिया... बयालिस साल। कुछ महीने, कुछ दिन। मैने तो सौगंधी को सदियां दी हैं। 'सौगंधी' मंटो की मशहूर कहानी है। लेकिन एक सौगंधी ही क्या मंटो की कहानियाँ पढ़िये तो जैसे हर कहानी 'सौगंधी' और उससे आगे की कहानी लगती है।

सआदत हसन मण्टो Saadat Hasan Manto

मण्टो फ़रिश्ता नहीं, इंसान है। इसलिए उसके चरित्र गुनाह करते हैं। दंगे करते हैं। न उसे किसी चरित्र से प्यार है न हमदर्दी। मण्टो न पैग़म्बर है न उपदेशक । उसका जन्म ही कहानी कहने के लिए हुआ था। इसलि

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