Zinda Kahaniyan-2 : Ek Asamapta Katha

Hardbound
Hindi
9789350729786
1st
2016
216
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शशिकला राय की 'ज़िन्दा कहानियाँ' इस बात का भास्वर प्रमाण हैं कि मीराँ की प्रेम-बेल की तरह (कँटीली चारदीवारियों के पार) इस बहनापे की बेल भी (लोगों के चाहते-न चाहते) इस तरह फैल गयी कि अब उसमें आनन्दफल (‘जोसुआ' ?) आने ही हैं! विस्मयादिबोधक, समुच्चयबोधक स्पन्दनों पर थिरकती हुई-सी शशिकला की आवेगमयी, उच्छल भाषा इस जोसुआ, इस आनन्दातिरेक का साक्ष्य वहन करती है ! जो लम्बे सन्धान के बाद जीवन की केन्द्रीय विडम्बना से जूझने का यह सूत्र पाने पर मिलती है कि अपनी तकलीफों से निजात पाना हो तो औरों की तकलीफें दूर करने में जुट जाओ । मनोबल बढ़ाने वाली बातें कहना, प्रेरक कहानियों की मशाल यात्रा-सी आयोजित करना इसी महद् संकल्प का हिस्सा हैं।

शशिकला राय (Shashikala Rai)

शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी. ग्राम : सिरवाँ, आजमगढ़ (उ.प्र.) प्रकाशित पुस्तकें : ज़िन्दा कहानियाँ, समय के साक्षी निराला, इस्पात में ढलती स्त्री, कथासमय : सृजन और विमर्श । विभिन्न पत्र पत्रकाओं में लेखनसम

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