Madhav Hada
माधव हाड़ा
जन्म : मई 9, 1958
पूर्व अध्येता, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला एवं पूर्व आचार्य, हिन्दी विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर ।
मौलिक पुस्तकें : देहरी पर दीपक (2021), मीरां वर्सेज़ मीरां (2020), मुनि जिनविजय (2016), पचरंग चोला पहर सखी री (2015), सीढ़ियाँ चढ़ता मीडिया (2012), मीडिया, साहित्य और संस्कृति (2006), कविता का पूरा दृश्य (1992) और तनी हुई रस्सी पर (1987)।
सम्पादित पुस्तकें : सौने काट न लागे (2021), एक भव-अनेक नाम (2022), कबीर, रैदास (2022), सूरदास, तुलसीदास, अमीर खुसरो, मीरां (2021), मीरां रचना संचयन (2017), कथेतर 2017) और लय (1996)।
पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक आलेख, विनिबन्ध, समीक्षाएँ आदि प्रकाशित ।
के. के. बिरला फाउंडेशन का 'बिहारी पुरस्कार' (2022), प्रकाशन विभाग, भारत सरकार का 'भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार' (2012) एवं राजस्थान साहित्य अकादमी का देवराज उपाध्याय आलोचना पुरस्कार (1990)।
साहित्य अकादेमी की साधारण परिषद् और हिन्दी परामर्शदात्री समिति (2012-2017) का सदस्य ।