Abu Zahir Rabbani

अबु ज़हीर रब्बानी उर्दू की नयी नस्ल के अहम नक़्क़ादों में हैं। उर्दू ज़बान-ओ-बयान, शेर-ओ-शायरी और ख़ास तौर पर फिक्शन से उनकी गहरी दिलचस्पी है। उनकी पीएच.डी. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से है। इन दिनों वे दयाल सिंह कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) में उर्दू के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं। उनके तकरीबन दो दर्जन शोध-पत्र और आलोचनात्मक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी किताब 'जोगिन्दर पॉल की अफ़सानानिगारी' (2015) को क़द्र की निगाह से देखा गया। इस किताब पर उन्हें उर्दू अकादेमी दिल्ली, बिहार उर्दू अकादेमी और उत्तर प्रदेश उर्दू अकादेमी के इनामों से नवाज़ा जा चुका है। उनकी किताब ‘नवआबादयाती निज़ाम और उर्दू अदब' जल्द ही आने वाली है।

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