Rajee Seth
राजी सेठ
गद्यभाषा में काव्यभाषा की प्रयोग-प्रसूता राजी सेठ सर्जना के विविधधर्मी रचनात्मकता से आप्लावित हैं। जीवन-बोध की व्यापकता से भरा हुआ इनका जीवन सम्बन्धों की रागात्मकता से रागित है। आपकी कविताएँ जीवनानुभूति की तल्ख़ सच्चाई से भरी पड़ी हैं; समय-काल, स्थिति-परिस्थिति और आन्तरिक मर्म की संवेदना की वाहक हैं। अनुभूति के अक्स के छाया-बिम्ब से पूरित कविताएँ सहोदरता का मूल्य देती हैं।
कथा-रचना से सम्भरित आपकी काव्य-रचना का आगार पूर्ण है। ‘शब्दों में पत्थर', 'अग्निगर्भा शब्द', 'शब्दों का जीवन' - आपकी काव्ययात्रा में शब्दत्रयी एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है जो गहरे लगाव में घनीभूत संवेदना का उत्सव ही है। कहानी, उपन्यास के साथ कविता का प्रणयन मनुष्यता की प्रार्थना है। जर्मन कवि रिल्के (Rainer Maria Rilke) की सर्जना का भावानुवाद कवयित्री राजी सेठ की एक अलग उपलब्धि है। आप अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं। आपके दर्जनों विदेश की साहित्यिक यात्राओं के सफ़र संस्मरणों की श्रीवृद्धि में संवेदना का तार जोड़ते रहे हैं।
आपके द्वारा ‘नोबेल पुरस्कार' प्राप्त गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की 'गीतांजलि' के लिए डब्ल्यू. बी. यीट्स की लिखित भूमिका का अनुवाद भी काफ़ी चर्चित रहा! अविभाजित भारत में राजी सेठ का आविर्भाव 04 अक्टूबर 1935 को हुआ। त्रासद के इस जीवन ने भी इन्हें मनुष्यता के मूल्य का सम्पोष्य बनाया। राजधानी नयी दिल्ली में निवास और सर्जना में स्नात आज भी...